tag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post7528450536308951033..comments2023-09-21T03:10:54.629-07:00Comments on It's the life to live healthy n happy: हम भी कभी बच्चे थे | बाल दिवस के अवसर पर |Nitikasha/ Dr Nutanhttp://www.blogger.com/profile/11135431599995065343noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-88354276160534000452010-11-13T21:39:38.360-08:002010-11-13T21:39:38.360-08:00बहुत सुन्दर पोस्ट!बढ़़िया बाल कविता और रोचक संस्मर...बहुत सुन्दर पोस्ट!<br>बढ़़िया बाल कविता और रोचक संस्मरण!<br>--<br>बलदिवस की बधाई स्वीकार करें!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-65527812293454709722010-11-13T22:10:26.395-08:002010-11-13T22:10:26.395-08:00बाल दिवस पर यह संस्मरण बहुत बढ़िया लगे ...विशेष र...बाल दिवस पर यह संस्मरण बहुत बढ़िया लगे ...विशेष रूप से कविता ...परोपकार का बच्चा ...कहीं खो गया है ...बहुत सार गर्भित रचना ..संगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-79017367427249495362010-11-14T02:33:53.478-08:002010-11-14T02:33:53.478-08:00नूतन, ये ब्लॉग तो है ही ख़ूबसूरत लेकिन जो तुम्हारा...नूतन, ये ब्लॉग तो है ही ख़ूबसूरत लेकिन जो तुम्हारा स्वाभाविक अंदाज़ है लिखने का वोह मन मोह लेता है...और तुम्हारे बचपन के संस्मरण बहुत ही रोचक लगे.shannohttp://www.blogger.com/profile/00253503962387361628noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-83846682456218136742010-11-14T05:12:36.477-08:002010-11-14T05:12:36.477-08:00बाल दिवस की शुभकामनायें.आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और...बाल दिवस की शुभकामनायें.<br>आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br> प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br>कल (15/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br>अवगत कराइयेगा।<br>http://charchamanch.blogspot.comवन्दनाhttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-49299156016506261912010-11-14T09:07:40.683-08:002010-11-14T09:07:40.683-08:00ग़रीबी के दर्द की ऐसी दुख भरी बयानी बहुत ही कम जगह ...ग़रीबी के दर्द की ऐसी दुख भरी बयानी बहुत ही कम जगह पढने व सुनने मिलती है, नूतन जी को बधाई।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-90376963476735243072010-11-14T09:33:06.642-08:002010-11-14T09:33:06.642-08:00बहुत अच्छे संस्मरण मुझे भी बचपन याद दिला दियाबहुत अच्छे संस्मरण मुझे भी बचपन याद दिला दियारचना दीक्षितhttp://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-32994429745953082552010-11-14T22:01:50.604-08:002010-11-14T22:01:50.604-08:00बाल दिवस पर अपने सुंदर संस्मरण साझा करने के लिए आभ...बाल दिवस पर अपने सुंदर संस्मरण साझा करने के लिए आभार ...<br>सच यही होती है बचपन की मासूमियत :)डॉ॰ मोनिका शर्माhttp://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-55717488151576627892010-11-14T23:27:33.222-08:002010-11-14T23:27:33.222-08:00नूतन जी बहुधा हम बचपन को भूल जाते हैं और उस समय जो...नूतन जी बहुधा हम बचपन को भूल जाते हैं और उस समय जो भी उछल कूद की उसे बड़े होने पर बचकाना समझ लेते है परन्तु बचपन की अपनी हि एक दुनिया है ...अपना मजा है ....हर बच्चे के जीवन में कुछ घटित हुआ है परन्तु आपने संस्मरण जिन्दा हि नहीं रखे अपितु उनसे प्रेरणा भी ली है ...बेहद रोचक ...इस क्रम को जारी रखियेगा ....साधुवादअशोक राठीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-20154680334176129352010-11-15T19:45:29.191-08:002010-11-15T19:45:29.191-08:00बाल - दिवस के मौक़े पर बड़ी सामयिक और सार्थक पोस्ट...बाल - दिवस के मौक़े पर बड़ी सामयिक और सार्थक पोस्ट लगाई है आपनेKunwar Kusumeshhttp://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5309236783643691386.post-27092230966484157142010-11-16T02:28:07.826-08:002010-11-16T02:28:07.826-08:00रोहित जी धन्यवाद... बचपन का मतलब आज के सन्दर्भ में...रोहित जी धन्यवाद... बचपन का मतलब आज के सन्दर्भ में १४ -१५ साल के बच्चे छोटे ही बच्चे लगते है.. अतः जब में १४ - १५ साल की थी तब यह कविता लिखी थी... तो बचपन / बच्ची लिख दिया था... आपका भी संस्मरण कोई कम नहीं..धन्यवाद..डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttp://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.com