मन की कैद

एक अन्तविहीन असीम फैलाव.. आसमान से दूर अंतरिक्ष की गहरी ऊँचाइयों में, सहस्त्र समुद्र से ऊँची अथाह गहराइयों में, हर रेखा के अंदर और कितनी ही सीमाओं से बाहर मन में उभरते असंख्य विचार| विश्लेषण करता जोड़ता, नापता, काटता स्वीकार करता या करता विद्रोह| रंगहीन या इन्द्रधनुष में चमकते रंग समूह या फिर मिलते रंगों से बना श्वेत प्रकाश हर कोने में हजारों प्रकाशवर्ष से दूर या खुद के ही मन के अंदर भूत, भविष्य, वर्तमान में विचरता मन| बनाता अक्षरों का अद्भुत संसार, और इस जिज्ञासू घुमक्कड़ को एक ब्लैकहोल से खींच जकड लिया जाता है| जहाँ उसका असीम फैला संसार समा कर सिकुड जाता है और वह कैद कर लिया जाता है एक छोटी सी दवा/ नींद की गोली में|  डॉ नूतन गैरोला २०-४-२०११ |