उनकी गुफ्तगू में साजिशों की महक आती रही ,
शहर-ए-दिल में फिर भी उनकी सूरत नजर आती रही |
शिकायतों के पुलिंदे बांध लिए थे मैंने ,
मुंह खोला नहीं कि उनको ऐब नजर आने लगे |
पीठ पे मेरे खंजरो की साजिशें चलती रही,
मौत ही मुझ को अब बेहतर नजर आने लगी |
यकीनन यकीन का खून बेहिसाब बहने लगा ,
लहू अश्क बन नजरों में जमने लगा |
झूठे गुमान भी जो वो मुझमे भरने लगे ,
चाह कर भी मौत मुझको मयस्सर न होने लगी |
कोई जा के कह दे मेरी मौत से कि वो टल जाये ,
कि जीने के तरीके अब मुझे भी आने लगे है ||
......*....* डॉ नूतन गैरोला .. १७ / ०५ / २०१०.......*...*....
13 comments:
बहुत सुन्दर ..सकारात्मकता लिए हुए ...अच्छी रचना ...
आशा है आपने त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने को अन्यथा नहीं लिया होगा :):)
कि जीने के तरीके अब मुझे भी आने लगे है । सकारात्मक सोच से ज़िन्दगी आसान हो जाती है। आप का सदैव मेरे ब्लाग पर स्वागत है। खुद को बिन बुलाई महमान मत कहें। मै तो जो सही लगे वहाँ बिन बुलाये ही चली जाती हूँ। धन्यवाद। शुभकामनायें।
बेहतरीन अभिव्यक्ति।
सुन्दर रचना है नूतन जी.
सीधे सीधे जीवन से जुड़ी रस रचना में नैराश्य कहीं नहीं दीखता मुझे। एक अदम्य जिजीविषा का भाव लिए रचना में इस भाव की अभिव्यक्ति " जीने के तरीक़े अब मुझे भी आने लगे हैं!" में हुई है। बहुत अच्छी प्रस्तुति।
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
दुर्नामी लहरें, को याद करते हैं वर्ल्ड डिजास्टर रिडक्शन डे पर , मनोज कुमार, “मनोज” पर!
!....अति सुंदर रचना!...एक जोश,एक सकारात्मक सोच, हार न मान ने मानसिकता!...बहुत कुछ संघर्षमय जीवन से संबधित है नूतनजी!
सुंदर रचना नूतन जी
बहुत बढ़िया!
वाह बहुत ही खूब उम्दा गज़ल .कितनी भी बेवफा क्यों ना हो जिंदगी ..जिंदगी ..जिन्दा दिली का नाम है जो आपकी गजल में परिलक्षित हो रही है ..आपको कोटि कोटि शुभ कामनाएं ..
सादर नमन !!!
कोई जा के कह दे मेरी मौत से कि वो टल जाए,
कि जीने के तरीके अब मुझे भी आने लगे हैं
आत्मविश्वास से परिपूर्ण सुंदर पंक्तियां।
हिंदयुग्म में मेरी ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आपके प्रति हार्दिक आभार।
अपकी यह पोस्ट अच्छी लगी।
जानवरों में लड़ाई पर टिप्पणी के लिए आभार!
उनकी गुफ्तगू में साजिशों की महक आती रही. वाह!!!! लाजजवाब
lovely lines !
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