रात के गहन अन्धकार में
आसमान के असीम विस्तार में |..
नहीं दिखता है अभी तुम्हें
धुंधला रहस्य बिन्दु निशा पटल पे |..
धुंधला रहस्य बिन्दु निशा पटल पे |..
जहाँ से चीर के आएगी जिंदगी
स्वर्णिम आभा के संग किरणों की फुहार में |..
यकीन करना होगा बस तुम्हें ,
सूरज के प्रकाश में ,कुछ और बस ..
....कुछ और पल के इन्तजार में !!
....कुछ और पल के इन्तजार में !!
द्वारा -डॉ नूतन गैरोला -- १४=०९=२०१० ००:३५
23 comments:
achchi kavita hai nootan ji
बड़ी प्रभावी और सुंदर रचना.....
आशावादी सोच को समेटे है..... अच्छी प्रस्तुति
aasha hi sab kuch hai
मोनिका जी सही कहा आशा और भरोसा ही वो सीडिया है जिन के होते हुवे हम बिना डगमगाए आगे बढ सकते है..
जी हां .. कौसल जी.. आशा और भरोसा ही हमें अपने मार्ग पर आड़े बढने में सहायक है
धन्यवाद वंदना जी !!
सचमुच सुंदर कविता कही है आपने।
................
अमृता जी, चित्र पहेली-92 की विजेता बनने की हार्दिक बधाई।
अमृता जी, कृपया मेरे मेल आईडी zakirlko@gmail.com पर संपर्क करने का कष्ट करें, जिससे आपको चित्र पहेली-92 का विजेता प्रमाण पत्र भेजा जा सके।
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
Zakir ji dhanyvaad... Nutan ji badhai .. :))
अच्छी प्रस्तुति,
यहाँ भी पधारें:-
अकेला कलम...
सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं.
आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
Sanjay ji ! Shukriyaa aapka.. bahut khushi huvi.. shubhkaamnayein..
Nutan Ji
Very good poem , hope is the "AMRIT" of life !!
डॉ. नूतन,
बहुत ही सुंदर ब्लॉग है... ढ़ेर सारी बधाईयाँ |
बहुत खूब नूतन जी...सुबह की लालिमा बस अब रोशन करने को है..
www.merachintan.blogspot.com
पंकज जी !! सादर धन्यवाद .
Pranav ji Thanks - Its a perfect saying that Hope is the " Amrit " of life - Regard
प्रतिबिम्ब जी !! धन्यवाद - शुभदिवस
प्रेरित करती रचना
बहुत सशक्त और प्रेरक रचना..
अब धुंधली पड़ चुकीं सारी किरणें...! pramod kaunswal
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