एक प्रेम ऐसा भी - दीपक और अँधेरा
विधि का विधान
सबने कोसा तुझे
तू अँधेरा बन
सब की आँखों में खटका |
सबने कोसा तुझे
तू अँधेरा बन
सब की आँखों में खटका |
और दीया
सबके माथे पर चढ
इतराया |
सबके माथे पर चढ
इतराया |
तू अँधेरा था
युगों से
तेरा प्यार
पर्त दर पर्त
अंधेरो की गुमनामी में
बदनामी की गलियों में
अदृश्य
मौन
चलता रहा |
युगों से
तेरा प्यार
पर्त दर पर्त
अंधेरो की गुमनामी में
बदनामी की गलियों में
अदृश्य
मौन
चलता रहा |
पर उस
निर्विकार
निस्वार्थ
प्रेम की
तू प्रेरणा भी न बन पाया ,
क्यूंकि तुने कब चाहा
नाम, सम्मान अपना,
तू बस बदनाम और बदनाम रहा |
तू कालिख बन
दुनिया को डराता रहा..
और दीये की महत्ता को जताता रहा|
निर्विकार
निस्वार्थ
प्रेम की
तू प्रेरणा भी न बन पाया ,
क्यूंकि तुने कब चाहा
नाम, सम्मान अपना,
तू बस बदनाम और बदनाम रहा |
तू कालिख बन
दुनिया को डराता रहा..
और दीये की महत्ता को जताता रहा|
ये तेरा प्रयास था ..
दीये के अस्तित्व को लाना था |
दुनिया की निगाहों में
दीये का नाम पाना था |
दीये के अस्तित्व को लाना था |
दुनिया की निगाहों में
दीये का नाम पाना था |
और जब दीये को सबने जाना
तू मौन चुपचाप
हट गया
दीये के नाम के लिए
दर्द अपना पी कर
परित्याग कर अपनी सत्ता
उसकी रौशनी को थमा दी |
तू मौन चुपचाप
हट गया
दीये के नाम के लिए
दर्द अपना पी कर
परित्याग कर अपनी सत्ता
उसकी रौशनी को थमा दी |
भले ही
तेरा बलिदान
छुपा हो सबसे
दुखी न हो,
अफ़सोस न कर |
तेरा बलिदान
छुपा हो सबसे
दुखी न हो,
अफ़सोस न कर |
दीये ने भी कब
ठुकराया है तुझे |
अप्रत्यक्ष ही सही
अपनाया है तुझे |
अप्रत्यक्ष ही सही
अपनाया है तुझे |
दीपक ने भी
ठानी है दिल में
कि जब तक
रौशनी रहेगी
संग मेरे ,
रहेगा
संग
दीपक-तले अँधेरा |
ठानी है दिल में
कि जब तक
रौशनी रहेगी
संग मेरे ,
रहेगा
संग
दीपक-तले अँधेरा |
10 comments:
बहुत ही गहरी बात कह दी…………बेहद उम्दा प्रस्तुति।
बहुत बड़ी सच्चाई को अभिव्यक्त करती एक गहन प्रस्तुति...दीपक और उसके तले अँधेरे का बहुत ही सुन्दर और नूतन सम्बन्ध प्रस्तुत किया है..आभार..
नूतन जी, प्रेम का यह रूप भी लाजवाब है।
खूबसूरत!
आशीष
---
पहला ख़ुमार और फिर उतरा बुखार!!!
बहुत सुन्दर रचना है!
--
हर एक छंद में नया बिम्ब समाया है!
ज्योति-पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बहुत ही खूबसूरत रचना,
रामराम.
tabhi ti kaha gaya hai chirag tale andhera......deepak ka kam hi hai doosaro ko roshani dena
3/10
बहुत ही सतही रचना
इस तरह की रचना को झेलना भी एक समस्या है
.
Quite realistic creation !
.
ma'am wish u a very very happy diwali and new year, thanking u
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