by nutan on Sunday, May 16, 2010 at 11:17am
....... * सुस्वागतम *.......
पदार्पण मेरा प्रथम ,
शुभ हो मंगल उमंग |
ज्यू वारी बरसी मेघ बन
खिल उठे फूल रंग बिरंग ||
ॐ से हो साक्षात्कार ,
सत्य से जुड़ा रहे नाता अपार
लिखने की चेष्टा करती हूँ ,
साथ रहे सरस्वती का वास हो ||
न चाहत है मन में
किसी यश की,
न ही चाहत किसी के संग की
बस तू देता रहे छाया प्रभू ,
अपने कल्याणकारी छत्र की ||
मंगल हो सुमंगल हो ,
सृष्टि का सृजन हो |
ले हाथ में छेनी तू
हर विनाश का विकल्प हो
माया ठगनी के कुरूप भंवर का
सुन्दर शिल्प में विलय हो
मोक्ष का उदय हो ||
प्रभु खुशियों से भरा
प्रभु खुशियों से भरा
आसमां भूमि और जल हो
प्राणी और सांसारिक
हर में जीवन हो जीवंत हो
पदार्पण मेरा प्रथम,
शुभ हो, मंगल हो, उमंग हो ||
डॉ नूतन गैरोला -- 04 =09=2010.
डॉ नूतन गैरोला -- 04 =09=2010.