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Tuesday, June 28, 2011

पुनरावृति - डॉ नूतन गैरोला डिमरी

 नुत


 
जीती रही जन्म जन्म,
पुनश्च मरती रही,
मर मर जीती रही पुनः,
चलता रहा सृष्टिक्रम,
अंतविहीन पुनरावृति क्रमशः|

 

                        डॉ नूतन डिमरी गैरोला