Followers

Sunday, January 9, 2011

अपना हाथ जगन्नाथ - डॉ नूतन गैरोला

                                 
                beautiful_monarch_butterfly_on_a_flower_print-p228144073290486355vsu7_325

                फूल भी लुभाता है और तितलियों के रंगीन पंख देख बच्चे उसके पीछे दौड़ते उछलते है | सभी के अंदर एक नैसर्गिक चाहत होती है  खूबसूरती की - खूबसूरत होने की लेकिन ये सुंदरता तभी बनी रहती  है या तभी लुभाती  जब एक स्वस्थ शरीर हो, स्वस्थ मन हो |
                                 मैं प्रार्थना करुँगी कि हम सब का स्वास्थ उत्तम हो और ताकत से भरपूर हमारे हाथ हो, सोच में भलाई हो - ताकि हम अपने लिए स्वस्थ, सुखी, सुरक्षित,  समाज का सृजन कर सकें |
  
hand

गोवर्धन था
जिनकी कनिष्ठ ऊँगली पर
वो तो भवसागर का तारनहार 
श्री कृष्ण था 
छत्रछाया में उनकी 
 दुनियां-जन जन नतमस्तक था   ,
पर मेरे
ये दो हाथ
जिसमे समायी थी दुनियां मेरी
जो देते थे सहारा
हजारों हाथों को बढ़ बढ़ कर,
आज जब चाहा सहारा मैंने तो
वो हजार हाथ भीड़ में
खो गए
और दूसरे हजारों को सहारा देते
और मैं ?
अपनी मौन आहों को
खुद के भीतर समेटे
मुस्कुराती रही अपने गम पर
इस अकेले कमरे में
और साथ हैं हाथ मेरे
किये मेरा मस्तक ऊँचा गर्वित
नाज है आखिर
ये दो बेहतरीन हाथ तो मेरे हैं
नतमस्तक  तेरी इस सौगात पर
बनाये रखना, ताकत भरना
इन हाथों में   
हे जगदीश्वर!
जग के नाथ
क्यूंकि
होता  भी हैं ना
अपना हाथ जगन्नाथ |
 
 
डॉ नूतन गैरोला  ०८-०१-२०११



8 comments:

रचना दीक्षित said...

नूतन जी,
अच्छी सीख देती सुंदर कविता.
बधाई.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" said...

सुन्दर रचना!
कामना करता हूँ कि आपका हाथ सदैव जगन्नथ ही बना रहे!

प्रवीण पाण्डेय said...

इन हाथों का ही सहारा है, हर कर्मशील को।

Anita said...

खुद का सहारा खुद ही बनने की सीख देती एक सुंदर रचना !

Kunwar Kusumesh said...

अपने हाथों पर ही हमेशा भरोसा करना ठीक होता है. कविता अच्छी है.

Anita said...

सच कहा है आपने, अपने भरोसे रहने वाले को भगवान का सहारा मिला ही होता है !

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

नूतन जी,
अपने हाथो पर भरोसा करने वालों को कभी नहीं पछताना पड़ता है !
सुन्दर अभिव्यक्ति !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

क्रिएटिव मंच-Creative Manch said...

हाथ कर्म और कर्मण्यता का प्रतीक होते हैं. अपने हाथों पर जिन्हें भरोसा होता है वो कहीं भी खुशहाल रह सकते हैं.
अत्यंत सार्थक रचना
बधाई

आभार व शुभ कामनाएं